लेखक:
कृष्ण कल्पित
कवि-गद्यकार कृष्ण कल्पित का जन्म 30 अक्टूबर, 1957 को रेगिस्तान के एक क़स्बे फतेहपुर-शेखावाटी में हुआ। राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से हिन्दी-साहित्य में प्रथम स्थान से एम.ए.। फ़िल्म और टेलिविज़न संस्थान, पुणे से फ़िल्म-निर्माण पर अध्ययन। अध्यापन और पत्रकारिता के बाद भारतीय प्रसारण सेवा में प्रवेश। आकाशवाणी और दूरदर्शन के विभिन्न केन्द्रों पर कार्य के बाद 2017 में दूरदर्शन महानिदेशालय से अपर महानिदेशक (नीति) से सेवामुक्त। कविता की छह किताबें प्रकाशित हैं—‘भीड़ से गुज़रते हुए’, ‘बढ़ई का बेटा,’ ‘कोई अछूता सबद’, ‘एक शराबी की सूक्तियाँ’ और ‘बाग़-ए-बेदिल’, ‘हिन्दनामा’। ‘हिन्दी का प्रथम काव्यशास्त्र कविता-रहस्य’। ‘सिनेमा, मीडिया पर छोटा पर्दा बड़ा पर्दा’। ‘हिन्दनामा : एक महादेश की गाथा’। मीरा नायर की बहुचर्चित फ़िल्म ‘कामसूत्र’ में भारत सरकार की ओर से सम्पर्क अधिकारी। ऋत्विक घटक के जीवन पर एक वृत्तचित्र ‘एक पेड़ की कहानी’ का निर्माण। साम्प्रदायिकता के विरुद्ध ‘भारत-भारती कविता-यात्रा’ के अखिल भारतीय संयोजक (1992)। समानांतर साहित्य उत्सव (2018) के संस्थापक संयोजक। कविता कहानियों के अंग्रेज़ी समेत कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद। निरंजननाथ आचार्य सम्मान सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित। इन दिनों जयपुर में रहते हुए स्वतंत्र लेखन। सम्पर्क : krishnakalpit@gmail.com |
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जाली किताबकृष्ण कल्पित
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